गत्यात्मक ज्योतिष


फलित ज्योतिष के प्राचीन ग्रंथों में वर्णित ग्रहों की अवस्था और उनकी गति के अनुसार ही मनुष्य के जीवन में पड़नेवाले ग्रहों के प्रभाव के बारह-बारह वर्षों के विभाजन को `गत्यात्मक दशा पद्धति´ कहते हैं। विंशोत्तरी दशा पद्धति की तरह एकमात्र चंद्रमा का नक्षत्र ही सभी ग्रहों को संचालित नहीं करता , वरन् सभी ग्रहों की एक खास अवधि में नििश्चत भूमिका रहती है और चंद्र , बुध , मंगल , शुक्र , सूर्य , बृहस्पति , शनि , यूरेनस , नेप्च्यून और प्लूटो बारी-बारी से संपूर्ण जीवन का प्रतिनिधित्व कर लेते हैं। जन्म से 12 वर्ष तक चंद्रमा , 12 से 24 वर्ष तक बुध , 24 से 36 वर्ष तक मंगल , 36 से 48 वर्ष तक शुक्र , 48 से 60 वर्ष तक सूर्य , 60 से 72 वर्ष तक बृहस्पति , 72 वर्ष से 84 वर्ष तक शनि , 84 से 96 वर्ष तक यूरेनस , 96 से 108 वर्ष तक नेप्च्यून और 108 से 120 वर्ष की उम्र तक प्लूटो का प्रभाव मानव जीवन पर पड़ता है। किसी भी ग्रह के मध्य-काल यानि 6ठे वर्ष में चंद्रमा , 18वें वर्ष में बुध , 30वे वर्ष में मंगल , 42वें वर्ष में शुक्र , 54वें वर्ष में सूर्य , 66वें वर्ष में बृहस्पति , 78वें वर्ष में शनि के प्रभाव को स्पष्ट देखा जा सकता है।

             इस दशा पद्धति में ग्रहों की शक्ति को मापने के लिए गति से संबंधित कुछ सूत्रों की खोज की गयी है , जो ग्रहों की सम्यक शक्ति का निरुपण करती है। ग्रहों के स्थान-बल , दिक्-बल , काल-बल , नैसर्गिक-बल , दृक-बल , चेष्टा-बल और अष्टकवर्ग-बल से भिन्न ग्रहों की गत्यात्मक , स्थैतिक और सापेक्षिक शक्तियों को महत्व दिया गया है। सभी ग्रह अपने गत्यात्मक दशा काल में अपनी-अपनी गत्यात्मक शक्ति , स्थैतिक और सापेक्षिक शक्तियों के अनुसार ही अपने-अपने भाव से संबंधित अच्छा या बुरा फल जातक को प्रदान करते हैं। इन शक्तियों के आधार पर ही किसी जातक के संपूर्ण जीवन के परिस्थितियों के उतार-चढ़ाव का लेखा-चित्र खींचा जाता है। जातक इस ग्राफ के अनुसार ही अनुकूल या प्रतिकूल परिस्थितियॉ प्राप्त करता है। इस ग्राफ के अनुसार ही उनकी महत्वाकांक्षा और कार्यक्षमता प्रभावित होती है। वे इस ग्राफ के अनुरुप ही उत्थान और पतन प्राप्त करते हैं। यह नवीनतम दशा-पद्धति , जो लगभग सभी कुंडलियों में खरी उतरी है , ज्योतिष को विज्ञान सिद्ध करने के लिए पर्याप्त है।

 

77 विचार “गत्यात्मक ज्योतिष&rdquo पर;

  1. hello sir..
    birthdate 14/09/1978

    birth time 5:30pm

    birthplace : kalol, panchmahal

    i want to know about in my kundli at 7th house sun, saurn, and mercury it give bad result at marriage life?
    marsh and venus also give bad result at marriage life?
    i got many affair but…….failier…..
    i have goood skill but no result…….
    now am not able to think positive……..hummmmm

    pls predict my kundli
    thanks..

  2. sir, mera samay 1998 se kharab chal raha hai. kisi se kundli dikhaya to pata chala ki sadhe sati or adhaiya chal raha hai. mai kabhi kisi kam me safal nahi ho pata khas tor se jab mein soch ta hoon to vo pura nahi hota. meri shadi ek ladti se fix ho gayi thi kisi karan vo cancel ho gaya. kya meri shadi waha ho sakti hai or kab . sath hi mera bhavishya bateyen. mera jewellery ka business hai par wo kab accha chalega.
    date of bith: 13/1/81, place : portha (sakti) c.g., time: 5:27am

    girl name: gunnu, date of birth: 24/12/82, place:mungeli,c.g.
    time: 12:00am

  3. namastae sir ji
    mera naam mayank h or meri dob h 10-12-1978 samay 8.24am ,janm sthan h gursarai(jhansi)
    sir me bahut lambe samay se pareshan hu me jo v bsns karta hu usme mehnat k anurup kabhi laabh nai mila.iske alava meri shadi me v adchane aa rahi h , mujhe avi kon sa nag suit karega . sir plz ap meri is samsya koi uchit samadhan batayen to apka bahut aabhari rahuga
    .

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प्रयागराज और वाराणसी के बीच गंगा नदी के समीप ग्रामीण जीवन। रेलवे के मुख्य परिचालन प्रबंधक पद से रिटायर अफसर। रेल के सैलून से उतर गांव की पगडंडी पर साइकिल से चलता व्यक्ति।

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